A REVIEW OF HINDI STORY

A Review Of hindi story

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शिवाजी प्रतिमा मामले में पीएम मोदी की माफ़ी स्वीकार करने से विपक्ष का इनकार, फडनवीस क्या बोले?

एक झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए थे और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों प्रेमचंद

हरिशंकर परसाई: हिंदी के महान व्यंग्यकार जिन्होंने अपने समकालीन लेखकों को भी नहीं बख़्शा

बहुत-से लोग यहाँ-वहाँ सिर लटकाए बैठे थे जैसे किसी का मातम करने आए हों। कुछ लोग अपनी पोटलियाँ खोलकर खाना खा रहे थे। दो-एक व्यक्ति पगड़ियाँ सिर के नीचे रखकर कम्पाउंड के बाहर सड़क के किनारे बिखर गए थे। छोले-कुलचे वाले का रोज़गार गर्म था, और कमेटी के नल मोहन राकेश

अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी तो कबरी बिल्ली से। रामू की बहू, दो महीने हुए मायके से प्रथम बार ससुराल आई थी, पति की प्यारी और सास की दुलारी, चौदह वर्ष की बालिका। भंडार-घर भगवतीचरण वर्मा

गोपाल अपनी पत्नी के साथ दोपहर में आराम कर रहा था। पर उसके बेटे हरी को नींद नहीं आ रही थी। दरअसल हरी की स्कूल की छुट्टियां चल रहीं थी और उसके सारे दोस्त कहीं न कहीं घूमने चले गए थे। हरी घर में रहते रहते ऊब गया था। हरी ने अपनी माँ को जगाया और उनसे मिठाई खाने जाने के लिए पैसे मांगे। पर उसकी माँ उसकी बात टाल के फिर से सो गयी। हरी ने अपने पिता गोपाल से भी पैसे लेने की कोशिश करी पर निराशा ही हाथ लगी।

तेजस्वी यादव के हिमंत बिस्वा सरमा पर दिए बयान से छिड़ा विवाद, मणिपुर सीएम भी बोले

उसने रोते हुए कहा-आगे से शरारत नहीं करूंगा।

पेंटिंग की कोई भी प्रतियोगिता स्कूल में होती, तो उसमें वह प्रथम स्थान प्राप्त करता। मुकेश की पेंटिंग की सराहना स्कूल में भी की जाती थी।

By means of this Hindi fiction guide, Munshi Premchand delivers a vivid and real looking portrayal of rural everyday living, providing viewers a glimpse in to the intricate World-wide-web of human feelings and societal structures in early twentieth-century India. The novel stands as being a timeless basic, Discovering the themes of morality, sacrifice, and the quest for dignity amidst a backdrop of agrarian struggles.

रानी ने शायरा की बात मान कर पूरे गाँव में घोषणा करा दी। दिवाली वाली रात को पूरे गाँव में अँधेरा था सिर्फ शायरा के घर में दिए जल रहे थे। तभी शायरा के घर में दरवाज़ा खटका। शायरा ने दरवाज़ा खोला read more और उसे जैसी उम्मीद थी उसने सामने देवी लक्ष्मी को खड़ा पाया। देवी लक्ष्मी ने शायरा और उसके परिवार को हमेशा धनवान रहने आशीर्वाद दिया अंतर्ध्यान हो गयीं। इसके बाद शायरा ने आतिशबाजी चला के सब को अपने अपने घर रोशन कर लेने का इशारा दिया

जिन्न ने क्या गलती की और क्या वह हमेशा उनके साथ रहा, यह जानने के लिए पॉडकास्ट सुनें

ज्ञानरंजन ने अपनी 'घंटा' और 'बहिर्गमन' जैसी कहानियों के माध्यम से हिंदी कहानी लेखन को एक ऐसा नया गद्य दिया जिसकी मार और व्यंजना मध्यवर्गीय पात्रों के जीवन के तमाम विरोधाभासों को अभिव्यक्त करने का भाषिक हुनर कथाकारों को दिया.

लेकिन उसे अपनी लंबी पूंछ पर बहुत गर्व था। अपनी लंबी लंबी पूंछ के कारण, वह कभी अपने पड़ोसियों के पास नहीं जा सका। वह केवल बड़े घरों और पैसे वाले लोगों से मिलने जाता था। उसके घमण्ड के कारण उसके पड़ोसी उसे नापसंद करने लगे। वे पीठ पीछे मोर का मजाक उड़ाते थे। एक दिन उन्होंने उस से मज़ाक करने का करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि एक बर्ड क्लब बनाया गया है और सभी पक्षियों ने मोर को अपना नेता

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